नई दिल्ली:
18वीं संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हुआ. लोकसभा और राज्यसभा (Parliament Winter Session) की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया. नतीजन पहले दिन महज कुछ ही मिनट दोनों सदन चल पाए. संसद में हंगामे के बीच राज्यसभा के भीतर सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली. खरगे ने ऐसा जवाब दिया, जिससे सभापति आहत हो गए.
दरअसल, सोमवार सुबह 11 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया. सभापति जगदीप धनखड़ ने जैसे ही अपनी बात रखने जा रहे थे, विपक्ष की ओर से खरगे को लेकर मांग रखी जाने लगी. विपक्षी नेताओं ने चिल्लाकर कहा कि लीडर ऑफ अपोजिशन को बोलने दीजिए. इस पर धनखड़ ने कहा, “मुझे बोले हुए अभी एक सेंकेंड भी नहीं हुआ और आप लोग चिल्लाने लगे. इससे विपक्ष नेता की गरिमा को नुकसान पहुंचता है.”
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फिर धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से कहा, “हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं. उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे.” इस पर खरगे ने जवाब दिया, “इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए.”
मंगलवार यानी 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा की बैठक नहीं होगी. दोनों सदन की अगली बैठक अब बुधवार सुबह 11 बजे होगी.
PM मोदी ने सभी दलों से की सहयोग की अपील
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से किए गए संवाद में सभी राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा में भाग लेने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए… मुट्ठी भर लोग… हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार को बारीकी से देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है.”
लोकसभा में दिवंगत सांसदों को दी गई श्रद्धांजलि
लोकसभा में सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नूरुल इस्लाम, पूर्व सदस्यों एम एम लॉरेंस, एम पार्वती और हरीश चंद्र देवराव चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया. सभा ने कुछ क्षण मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी.
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इसके बाद कई मुद्दों को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. निचले सदन की दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब सदन में पहुंचे, तो केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए. उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए.
संभल हिंसा को लेकर भी हुआ हंगामा
बैठक दोबारा शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य पार्टी सदस्य संभल हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते देखे गए. इस दौरान विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खड़े थे. इस बीच पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने सदन की बैठक एक मिनट के अंदर ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.
राज्यसभा में भी हुआ हंगामा
उधर, राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सदन ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों ने संसद में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिए थे.
सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की. हंगामा जारी रहने पर उन्होंने 11 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी. फिर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
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